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चंडीगढ़। 

हरियाणा में 3 निर्दलीय विधायकों द्वारा नायब सैनी सरकार से समर्थन वापिस लेने के बाद भाजपा की राज्य सरकार अल्पमत में आ गई है. दरअसल बीजेपी सरकार के पास जननायक जनता पार्टी से नाता तोड़ने के बाद और अलग होने के बाद 48 विधायकों का समर्थन प्राप्त था. वर्तमान में नायब सैनी सरकार को 48 विधायकों का समर्थन प्राप्त था, जिसमें भाजपा के 41 ,हरियाणा लोकहित पार्टी के एक विधायक गोपाल कांडा और छह निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त था.

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और रणजीत चौटाला पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं. इसके बाद यह आंकड़ा बीजेपी के पास 46 का रह गया था. वहीं तीन निर्दलीय विधायकों में भी अपना समर्थन वापस ले लिया है. उनमें चरखी दादरी से विधायक सोमवीर सांगवान ,नीलोखेड़ी से विधायक धर्मपाल गोंदर और पुंडरी से विधायक रणधीर गोलन शामिल हैं. सरकार के पास इस वक्त 43 विधायकों का समर्थन रह गया है.

ये हैं हरियाणा में सत्ता का समीकरण

हालांकि अगर नायब सैनी चुनाव जीत जाते हैं तो यह आंकड़ा 44 हो जाएगा लेकिन फिर बहुमत की संख्या बढ़कर 45 हो जाएगी जो सरकार के पास नही है. वर्तमान परिस्थितियों में विधानसभा के सदस्यों की संख्या 88 है. वहीं सरकार के पास अभी 43 विधायकों का समर्थन है. यानी सरकार अल्पमत में है. हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के पास 30 विधायक, जननायक जनता पार्टी के 10 विधायक हैं. बीजेपी के 40 विधायक हैं. जबकि निर्दलीयों की संख्या 7 से 6 हो चुकी है क्योंकि रणजीत चौटाला इस्तीफा दे चुके हैं. एक इंडियन नेशनल लोक दल के विधायक अभय चौटाला है.

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