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चंडीगढ़।

हरियाणा में मार्च महीने में खूब सियासी हलचल हुई थी. भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सैनी को नया सीएम बनाया था. लेकिन एक बार फिर से प्रदेश की राजनीति में सरगर्मी बढ़ी है. ऐसे में अब गर्मी के साथ सियासी पारा भी चढ़ा है.

दरअसल, हरियाणा में भाजपा सरकार को समर्थन देने वाले तीन निर्दलीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. ऐसे में अब सरकार अल्पमत में आ गई है. यहां पर बहूमत का आकंड़ा 45 है, लेकिन सरकार के पास 44 विधायक हैं.

गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और रणजीत चौटाला पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं इसके बाद यह आंकड़ा बीजेपी के पास 46 का रह गया था।वही तीन निर्दलीय विधायकों में भी अपना समर्थन वापस ले लिया है, उनमें चरखी दादरी से विधायक सोमवीर सांगवान, नीलोखेड़ी से विधायक धर्मपाल गोंदर और पुंडरी से विधायक रणधीर गोलन शामिल हैं. इन्होंने मंगलवार को रोहतक में भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात की थी.

क्यों सरकार से समर्थन वापस लिया

हरियाणा में हाल ही में भाजपा ने जेजेपी से गठबंधन तोड़कर दोबारा सरकार बनाई थी. भाजपा के पास 41 विधायक थे और छह निर्दलीय और गोपाल कांडा का भी समर्थन सरकार को था. लेकिन अब सरकार के पास केवल 44 विधायक बचे हैं. जब भाजपा ने दोबारा सरकार बनाई थी तो निर्दलीय विधायकों को लगा था कि उन्हें मंत्रीमंडल में जगह मिलेगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसी बात से यह सभी सरकार से नाराज थे. नायब सैनी कैबिनेट में आजाद विधायक रहे रणजीत चौटाला को छोड़कर किसी भी निर्दलीय को जगह नहीं मिली. चौटाला खट्टर सरकार में भी मंत्री थे. अभी रणजीत चौटाला ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. अहम बात यह भी है कि निर्दलीय विधायकों कि पृष्टभूमि भाजपा की ही है. लेकिन वह आगामी विधानसभा चुनाव के लिए टिकट को लेकर भाजपा से आश्वस्त नहीं थे और इस कारण उन्होंने समर्थन वापस ले लिया है. उधर, तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन कांग्रेस पार्टी को दे दिया है जबकि निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू पहले ही सरकार से अलग है.

पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का बड़ा बयान

जनता जननायक पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला का कहना है कि अगर कांग्रेस बीजेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाती है तो जननायक जनता पार्टी बाहर से उनका समर्थन करेगी.  दुष्यंत चौटाला ने कहा कि यह नई सरकार है और पुरानी सरकार के दौरान अविश्वास प्रस्ताव आया था इसलिए 6 महीने वाला जो समय है, वह इस पर लागू नहीं होता.  इस नई सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है. हम राज्यपाल से मिलेंगे और उन्हें लिख कर देंगे कि यह सरकार अल्पमत में आ गई है और मुख्यमंत्री को अपना बहुमत पेश करने के लिए वह कहें.

क्या बोले मनोहर लाल खट्टर

करनाल में बुधवार को रोड शो के दौरान निर्दलीय को लेकर मीडिया के सवाल पर पूर्व सीएम मनोहर लाल ने कहा कि चुनावी माहौल है, कौन किधर जाता है, किधर नहीं जाता, उससे असर नहीं पड़ता. कई विधायक हमारे संपर्क में हैं, इसलिए किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है. कब, कौन क्या करेगा, चुनाव अभी लंबा चलेगा.

रोहतक में हुड्डा से मुलाकात

भाजपा से नाराज तीन निर्दलीय विधायकों ने मंगलवार को रोहतक में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात की. हालांकि, इस बारे में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. लेकिन तीनों निर्दलीय विधायकों ने कहा कि भाजपा से हर वर्ग दुखी है. सरकार पूरी तरह से नाकाम है। यह सरकार लोगों में विश्वास खो चुकी है, इसलिए उन्होंने फैसला लिया है कि लोकसभा चुनाव में वे कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों का समर्थन करेंगे. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि यह सही वक्त है, जब इन तीनों निर्दलीय विधायकों ने ये फैसला लिया है, क्योंकि प्रदेश की जनता वर्तमान सरकार से दुखी है और यह सही मौका है, जब भाजपा को सबक सिखाया जाएगा.

 

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