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नई दिल्ली । 

ओडिशा के बारगढ़ में कम से कम 6 किसानों के आत्महत्या करने की खबर आ रही है. इन किसानों की फसलें कीड़ों के चलते खराब हो गई थीं. इलाके के डीएम ने मृतक किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की बात कही है. इसके साथ ही डीएम खगेंद्र पाधी ने ये भी कहा है कि जिन किसानों की फसलें खराब हुई हैं उन्हें भी मदद दी जाएगी। 

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ANI @ANI

Odisha: 6 farmers allegedly committed suicide after losing their crops to pests in Bargarh.

8:33 AM - Nov 7, 2017

 

सोमवार को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्य की बीजेडी सरकार को इसका दोषी ठहराया. इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकार को हत्याओं का दोषी भी ठहराया.

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Odisha: 6 farmers allegedly committed suicide after losing their crops to pests in Bargarh. pic.twitter.com/G9fvRY8NbG

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Staff is at work to look into matter of pesticides. People who lost crops will definitely be given compensation: Bargarh DM pic.twitter.com/FlgHgDHC6b

8:38 AM - Nov 7, 2017

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10 दिनों में 8 किसानों ने की आत्महत्या

आपको बता दें कि ओडिशा में पिछले 10 दिनों में कम से कम 8 किसान आत्महत्या कर चुके हैं. इसके अलावा कई जगहों पर फसल जलाने की घटनाएं भी सामने आई हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक किसानों को दिए गए कीटनाशक या तो खराब थे या टिड्डियों को रोकने में असमर्थ थे. जिसके चलते किसानों की फसलें तबाह हो रही हैं और वो आत्महत्या कर रहे हैं. बीजेपी का आरोप है कि कीटनाशक के बंटवारे में सुरभि नाम की फर्जी संस्था बनाकर कम से कम 500 करोड़ का घोटाला किया गया है.

खेती और पर्यावरण के लिए काम करने वाली डाउन टु अर्थ की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल ओडिशा के किसान पहले से ही सूखे की मार झेल रहे हैं. लगभग 6000 गांवों में सूखे का बुरा असर है. इसके बाद कीड़ों के चलते फसलों का खराब होना किसानों की कमर तोड़ दे रहा है.

ओडिशा में किसानों की दुर्दशा नई नहीं है. मुख्य धारा की खबरों में भले ही इसे कम जगह मिलती हो मगर 2015 में बारगढ़ में 40 किसानों ने आत्महत्या कर ली थी. यह स्थिति तब थी जब बारगढ़ हीराकुंड बांध की सिंचाई सुविधा पाता है. सिंचाई की सुविधा के बाद धान की खेती किसानों के लिए बहुत महंगी हो जाना, उनकी दुर्दशा की एक और वजह है.

ओडिशा में 75 प्रतिशत लोग खेती पर निर्भर करते हैं. ऐसे में राज्य सरकार की ओर से कृषि से जुड़े मामलो में लापरवाही घातक है. केंद्र सरकार के बड़े चेहरे चुनावी सभाओं में दोहराते रहते हैं कि राज्य में अगर अलग सरकार होगी तो विकास नहीं हो सकता. तो आशा करिए अगले मानसून तक या तो राज्य सरकार का रवैया बदल जाए, या केंद्र सरकार इन आत्महत्याओं को रोकने वाला विकास करने का मन बना ले.

सरकार ने किया 124 करोड़ के राहत का ऐलान

गौरतलब है कि इस साल खरीफ के मौसम के दौरान राज्य के विभिन्न जिलों में कीट हमले से प्रभावित किसानों बचाने के प्रयास के तहत ओड़िशा सरकार ने सोमवार को 124 करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की.

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में राज्य की कृषि मंत्रिमंडल बैठक में यह निर्णय लिया गया. मंत्रिमंडल ने राज्य सरकार के पूर्व के निर्णयों की समीक्षा की और कहा कि जिन किसानों ने कीटों से बचाव नहीं कर पाने की हताशा में अपनी फसल में आग लगा दी थी, इसके तहत उन्हें भी राहत प्रदान की जाएगी.

ओड़िशा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री महेश्वर मोहंती ने कहा, ‘जिन छोटे एवं सीमांत किसानों की फसल कीट हमले के कारण 33 प्रतिशत और उससे अधिक तक प्रभावित हुई है, उन्हें 6,800 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से कृषि लागत सब्सिडी प्रदान की जाएगी।