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मुम्बई। 

 सिक्किम में सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन जैसे परमाणु संपन्न देशों के बीच युद्ध होना नामुमकिन जैसा है लेकिन राष्ट्रभक्त नागरिकों को तो चीन के विषैले बोल भी गोलियों और मिसाईल जैसे लग रहे हैं यही वजह है कि देशभक्ति से ओतप्रोत आम आदमी भी अब चीन को अपने ही अंदाज में पटकनी देने में जुट गया है।

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भारत और चीन के बीच सैन्य टकराव के बीच मुंबई में प्रिसिंपलों के एक समूह ने अपने छात्रों से चीन में बनी पढ़ाई-लिखाई से जुड़ी चीजों का बहिष्कार करने को कहा है। अपने इस अभियान के तहत मुंबई के 1500 से ज्यादा स्कूलों के आने का दावा करने वाले 'द मुंबई स्कूल प्रिंसिपल्स ऐसोसिएशन' छात्रों के बीच देशभक्ति की भावना को बढ़ाने और जागरूकता फैलाने के लिए अपने संदेश भेज रहा है।

छात्रों से कर रहे हैं मेड इन चाईना का बहिष्कार करने की अपील 

ऐसोसिएशन के सदस्यों का मानना है कि यह सिर्फ एक छोटा सा कदम है जिससे हम सीमा पर तैनात अपने सैनिकों के प्रति समर्थन और समर्पण दिखा सकते हैं। ऐसोसिएशन से जुड़े प्रशांत रेडिज ने कहा, 'छात्रों को उन समस्याओं के बारे में जागरूक होना चाहिए, जिनका सामना देश कर रहा है। पेन, कंपास बॉक्स और इरेजर जैसी सभी चीजें मेड इन चाइना हैं। हम अगर चीन के आर्थिक लाभ को थोड़ा भी नुकसान पहुंचा सकते हैं तो इसका मतलब है कि हम कुछ तो कर रहे हैं।'

ऐसोसिएशन अब एक सर्कुलर प्रिंट करने वाला है जिसे सभी स्कूलों को भेजा जाएगा। रेडिज ने कहा कि स्कूलों की जिम्मेदारी है कि वह छात्रों में देशभक्ति की भावना जगाएं। कुछ दूसरे प्रिंसिपलों का भी कहना है कि अगर यह अपील शिक्षा विभाग की तरफ से होती तो कई दूसरे स्कूल भी इसका पालन करते।