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पीटीआई-भाषा संवाददाता
ललित के जी

व्हाइट हाउस ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्टपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी पहली बैठक में भारत और अमेरिका के बीच की साझेदारी को एक महत्वाकांक्षी ढंग से विस्तार देने के लिए एक दृष्टिकोण पेश करेंगे और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आतंकवाद से लड़ने एवं सुरक्षा सहयोग को विस्तार देने जैसे साझा लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करेंगे।

दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के नेता आतंकवाद से जुड़े मुद्दों और एच 1बी वीजा नियमों में संभावित बदलावों से जुड़ी भारत की चिंताओं जैसे द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा के लिए 26 जून को बैठक करेंगे। दोनों देशों की कुल जनसंख्या लगभग 1.6 अरब है।

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आप उम्मीद कर सकते हैं कि वे दोनों एक ऐसा दृष्टिकोण पेश करेंगे। जो भारत और अमेरिका की साझेदारी को एक महत्वाकांक्षी और योग्य तरीके से विस्तार देगा। स्पाइसर ने कहा कि दोनों नेता भारत और अमेरिका की साझेदारी के विस्तार पर एक साझा दृष्टिकोण पेश कर सकते हैं। उन्होंने आतंकवाद से लड़ाई। आर्थिक वृद्धि को दिए जाने वाले बल व सुधारों और सुरक्षा सहयोग को दिए जाने वाले विस्तार को हिंद-प्रशांत क्षेत्र की साझा प्राथमिकताएं बतायी।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दक्षिण चीन सागर भी आता है, जहां चीन का विभिन्न द्वीपों को लेकर अपने छोटे पड़ोसियों के साथ विवाद चल रहा है।

स्पाइसर ने कहा! राष्टपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका और भारत की ऐसी साझेदारी के लिए एक साझा नजरिया तैयार करने पर काम करेंगे। जो 1.6 अरब नागरिकों के लिए अच्छा हो। मोदी ने जब जनवरी में ट्रंप को राष्टपति बनने पर बधाई देने के लिए फोन किया था। तब ट्रंप ने मोदी को वाशिंगटन आने का निमंत्रण दिया था।

स्पाइसर ने एक सवाल के जवाब में कहा। राष्टपति और प्रधानमंत्री फोन पर कई बार सकारात्मक बातचीत कर चुके हैं और अब इस चर्चा के आगे बढ़ने की उम्मीद की जाती है। इस चर्चा में आर्थिक वृद्धि व् सुधारों के साथ ही आतंकवाद से लड़ाई और रक्षा सहयोगियों के तौर पर हमारे सहयोग को विस्तार देने के मुद्दों को शामिल किया जा सकता है।

 
साभार PTI