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पटना।

नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार कब होगा? इन दिनों बिहार की सियासत के लिहाज से यह सवाल काफी महत्वपूर्ण और हर कोई इसका जवाब जानना चाह रहा है. वहीं कैबिनेट विस्तार में जदयू और बीजेपी के किन चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी इस पर संशय गहराया हुआ है. लेकिन, इसी बीच जो खबरें आ रही है उसके मुताबिक नीतीश कुमार अगले 2-3 दिनों में अपने मंत्रीमंडल का विस्तार कर सकते हैं, जिसका इशारा भी एनडीए खेमे की ओर से आने लगा है.

दरअसल बिहार में एनडीए सरकार बने एक महीने से अधिक का समय हो गया है. लेकिन, अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पाया है. लेकिन, अब जब लोकसभा चुनाव नजदीक है और कभी भी आचार संहिता लागू हो सकती है. वहीं नीतीश कुमार भी विदेश दौरे से वापस लौट चुके हैं. ऐसे में चर्चा और तेज हो गई है कि बहुत जल्द मंत्रीमंडल विस्तार होने वाला है जिसका इशारा भी बीजेपी के बड़े नेता और उप मुख्य मंत्री विजय सिन्हा कर रहे हैं.

JDU कोटे में परिवर्तन की संभावना कम

वहीं मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर जब उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा से सवाल पूछा गया तो उन्होंने दावे से कहा कि सबकुछ बहुत जल्द हो जाएगा. मंत्रिमंडल विस्तार चिंता मत कीजिए. विजय सिन्हा बीजेपी के बड़े नेता है उनके दावे के बाद मंत्रीमंडल विस्तार को लेकर हलचल और तेज हो गई है. सूत्र बताते हैं कि नीतीश मंत्रिमंडल विस्तार में इस बार जेडीयू कोटा से कोई खास परिवर्तन नहीं होने वाला है. लेकिन, एक या दो मंत्रियों का पत्ता मंत्रिमंडल से कट सकता है और नए चेहरों को मौक़ा मिल सकता है. यही नहीं कुछ मंत्रियों के विभाग में भी बदलाव किए जा सकते हैं. चर्चा है कि एक मंत्री लोकसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं.

बीजेपी कर सकती है बड़े बदलाव

वहीं जदयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री श्रवण कुमार से जब मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने सवाल से कन्नी काटना ही बेहतर समझा और कहा थोड़ा इंतज़ार कीजिए शाम तक बता देंगे. अब बात मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बीजेपी और जेडीयू की करे तो बीजेपी मंत्रिमंडल में कई बदलाव कर सकते हैं. बीजेपी लोकसभा चुनाव के साथ-साथ आने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए जातीय समीकरण को साधते हुए युवा चेहरों पर दांव लगा सकती है. वहीं बीजेपी महिलाओं को अधिक मौका दे सकती है. वहीं अति पिछड़ा और सवर्ण भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं.

BJP कर सकती है अधिक प्रयोग

बिहार के वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे इसकी वजह भी बताते हैं और कहते हैं कि बीजेपी को लोकसभा चुनाव और उसके बाद विधानसभा चुनाव भी देखना है. दरअसल मंत्रिमंडल विस्तार के बहाने एनडीए कई समीकरण साधने की कोशिश करेगा. लेकिन, जेडीयू तुलना में बीजेपी अधिक प्रयोग कर सकती है. बता दें, जदयू कुछ दिन पहले ही बहुत मुश्किल से टूटने से बची है . यही वजह है कि जदयू अधिक रिस्क नहीं लेने वाला है. लेकिन, इसके बावजूद चुनावी साल में मंत्रिमंडल विस्तार से अपने विधायकों को संतुष्ट करना एनडीए के लिए आसान नहीं होगा.

 

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