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कोटद्धार। 

सिम्भलचौड़ में बीती 13 अगस्त को हुए शेखर हत्याकांड का खुलासा करते हुए पुलिस ने दो शूटरों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस ने उनके पास से हत्या में प्रयुक्त बाइक और असलाह भी बरामद किया है। पुलिस के अनुसार एक स्थानीय केबल संचालक को डराने के मकसद से शूटरों ने फायरिंग की थी, लेकिन गोली शेखर को लग गई।बुधवार को कोटद्वार कोतवाली में पत्रकारों से वार्ता करते हुए एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर ने बताया कि शेखर हत्याकांड के खुलासे के लिए पुलिस की कई टीमें गठित की गई थी। बताया कि हत्या में प्रयुक्त बाइक को मंगलौर क्षेत्र से 2 अगस्त को लूटा गया था। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने शूटरों का स्केच तैयार किया था। 27 अगस्त को सूचना मिली कि उक्त बाइक में सवार होकर दो लोग हरिद्वार से मंडावली की ओर आ रहे हैं। इसके बाद कोटद्वार पुलिस ने मौके पर पहुंच कर दोनों को बाइक समेत दबोच लिया। कोटद्वार लाकर की गई पूछताछ में दोनों आरोपियों ने अपने नाम मोनू मलिक पुत्र यशपाल और भारतवीर पुत्र कर्णपाल निवासी नारसन कला बड़ी थाना मंगलौर जिला हरिद्वार बताया। एसएसपी ने बताया कि आरोपियों की मुलाकात पौड़ी जेल में बंद नरेन्द्र वालमीकि और वर्तमान में देहरादून जेल में कैद रूपेश त्यागी से हुई थी। नरेन्द्र और रूपेश ने इन दोनों को कोटद्वार क्षेत्र में केबल का काम करने वाले व्यवसायियों से रंगदारी वसूलने हेतु धमकाने के लिए उनके कार्यालय पर फायरिंग करने को कहा था। एसएसपी कुंवर ने बताया कि मामले का खुलासा करने पर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था द्वारा 10 हजार, डीआईजी की ओर से पांच हजार और एसएसपी कार्यालय द्वारा ढाई हजार रुपये इनाम की घोषणा की गई है। मामले का खुलासा करने वाली टीम में एएसपी प्रदीप राय, सीओ जेआर जोशी, प्रशिक्षु सीओ पल्लवी त्यागी, कोतवाल मनोज रतूड़ी, एसएसआई प्रदीप नेगी, एसआई रफत अली, सतेन्द्र भंडारी, कमलेश शर्मा, संदीप शर्मा, सुनील पंवार, दीपक तिवारी, अरविन्द पंवार, ओमप्रकाश, भावना भट्ट, रचना, हेडकांस्टेबल देवीलाल, कांस्टेबल सुनित, टीकम चौहान, दीपक, संतोष, हरीश लाल, अमरजीत, कुलदीप, गजेन्द्र, दुष्यंत, अरविंद, आबिद, संतोष शामिल थे।